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Thursday, June 24, 2021

आंतो में जमा सारा कचरा एक ही रात में दूर कर देगा ये उपाय

 

आँतों में जमा सारा कचरा एक ही रात में कैसे दूर कर सकते हैं?



आंतों की सफाई के लिए घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे इन हिंदी



हम सब जानते हैं कि हमारी शरीर का सबसे अहम हिस्सा हैं हमारा पेट, दूसरा हमारा खान पान और ये सब हमारी जीवनशैली को बदल कर रख देती हैं, बदलती जीवनशैली में पेट की परेशानी आम समस्या हो गई है नौकरी के चक्कर में रातभर जागना, तला-भुना खाना और शारीरिक श्रम की कमी से भी हमे ये तकलीफ हो जाती हैं.




आइये जानें मलाशय की सफाई,पेट की आंतों को साफ करना, छोटी आंत की सफाई, आंतों की बीमारी, पेट की सफाई के लिए दवा, पेट की सफाई, आंत की सफाई ।

ऐसे कई कारण हैं जिस कारण पेट की समस्याएं बढ़ रही हैं, आयु
 में भी बताया गया है कि पेट का रोग शरीर के अन्य रोगों का जनक होता है, हमारे शरीर की सारी बीमारियाँ पेट से ही शुरू होती हैं इसलिए जरुरी हैं की हम अपने शरीर की सम्पूर्ण सफाई करे, जिसमे सबसे जरुरी होता हैं हमारा पेट, लेकिन कैसे ? तो चलिए हम आपको बताते हैं कैसे हम अपने पेट की सफाई कर सकते हैं क्योंकि पेट में जो आंतें हैं अगर उनकी सफाई हो जाएगी तो पेट अपने आप साफ़ हो जाएगा.

आंत हमारे पाचन तंत्र
 का ऐसा भाग है जो हमारे शरीर से अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों का स्राव के लिए जिम्मेदार है। यह पानी और नमक को आवशोषित कर इलेक्‍ट्रोलाइट बैलेंस को मेनटेन करता है और शरीर को स्‍वस्‍थ्‍य बनाता है. यह मलत्‍याग के साथ ही विषाक्‍त और अपशिष्‍ठ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है। लेकिन अगर आंतों की सफाई ठीक तरह से न हो तो आपको तमाम तरह की बिमारियां,जैसे कब्ज, अपच,, थकान, दस्त, दृष्टि समस्याओं, एलर्जी, सिर दर्द समेत गुर्दे और लीवर संबंधी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।

आंत को साफ रखने के लिए आज हम आपको ऐसे जादुई ड्रिंक के बारे में बता रहें हैं जो आपके लिए बहुत ही कारगर साबित होगी. अधिक जानकारी के लिए देखें विडियो और फिर लिखित जानकारी पढ़े !



1. आंतों की सफाई के लिए पानी एक जादुई औषधि है। प्रतिदिन अगर आप 8 से 10 ग्‍लास पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है। इसकी जगह पर आप जूस का भी सेवन कर सकते हैं। पानी हमारा डाइजेस्टिव सिस्‍टम को दुरूस्‍त रखता है और मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ाता है।


 औषधीय गुणों से भरा होता है। यह हमारी आंतों की सफाई करने में मदद करता है। गरम पानी में दो चम्‍मच शहद मिलाकर सुबह पीने से पेट की गंदगी साफ होती है। शरीर स्‍वस्‍थ रहता है।



3. एप्‍पल जूस से आप अपने दिन की शुरूआत कर सकते हैं। नियमित रूप से एप्‍पल जूस पीने से आंतें स्‍वस्‍थ्‍य रहती हैं। इसमें आप एक चम्‍मच लेमन जूस भी मिला सकते हैं।




4. शरीर के विषाक्‍त को निकालने के लिए एलोवेरा
 अच्‍छी औषधि है। यह शरीर को हाइड्रेट रखता है। इस जूस को प्रतिदिन सुबह पानी के साथ ले सकते हैं। यह कई तरह से हमारे शरीर को फायदा पहुंचाता है।



5. दही आंत और पाचन तंत्र के लिए बेहतरीन खाद्य पदार्थ है। जिन्‍हें आंत संबंधी परेशानी रहती है उन्‍हें अक्‍सर दही खाने के लिए कहा जाता है। यह डायरिया जैसी परेशानी से दूर रखता है। 

Thursday, June 3, 2021

कोरोना वैक्‍सीन की दूसरी डोज समय पर ना मिलने से क्‍या होंगे नुकसान

 Corona Vaccination


सरकार ने कोरोना वैक्‍सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच के समय को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया है.



कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए देश में बड़े स्‍तर पर टीकाकरण (Corona Vaccine) का अभियान चल रहा है. इसके तहत अब तक देश में कोरोना वैक्‍सीन (Covid 19 Vaccine) की 21 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं. 



लेकिन हाल ही में सरकार ने कोरोना वैक्‍सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच के समय को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया है. इस बीच देश में वैक्‍सीन की कमी भी देखने को मिल रही है. ऐसे में अगर कोई व्‍यक्ति कोरोना की पहली डोज लगवा चुका है और अगर उसे दूसरी डोज उचित समय पर नहीं मिलती है तो आखिर उसे क्‍या नुकसान होगा? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब आप यहां जान सकते हैं…



  • क्‍यों बढ़ाया गया है दो डोज के बीच का अंतराल?



  • अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार दिल्‍ली के आकाश हेल्‍थकेयर में डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन के डॉ. विक्रमजीत सिंह ने इस बाबत बताया कि विश्‍व के कई स्‍वास्‍थ्‍य संगठन वैक्‍सीन की दो डोज के बीच अंतराल की सलाह देते हैं. पहले दो डोज के बीच का अंतराल 4-6 हफ्ते था. फिर इसे बढ़ाकर 6-8 हफ्ते किया गया. इसके बाद अब इस अंतराल को बढ़ाकर 12-14 हफ्ते कर दिया गया है. उनका दावा है कि इस अंतराल के जरिये वैक्‍सीन की प्रभाविकता 90 फीसदी हो जाती है.
  • अगर तय समय पर न मिले दूसरी डोज तो क्‍या होगा नुकसान?
  • डॉ. सिंह के अनुसार अगर किसी व्‍यक्ति को समय पर कोरोना वैक्‍सीन की दूसरी डोज नहीं मिल पाती है तो उस व्‍यक्ति को घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसे में लोग कुछ दिनों के बाद भी टीका लगवा सकते हैं. इस दौरान यह ध्‍यान रखना होगा कि दूसरी डोज के तय से अधिक देरी ना हो. अगर ऐसा होता है तो पहली डोज के बाद शरीर में बनी इम्‍युनिटी पावर कमजोर हो जाती है. साथ ही एंटीबॉडी को अधिक बूस्‍ट नहीं मिल पाता है.
  • कितनी देरी की जा सकती है?
  • डॉ. सिंह ने बताया कि वैक्‍सीन की दोनों डोज के बीच का अंतराल 16 हफ्तों से अधिक समय का नहीं होना चाहिए. चूंकि वैक्‍सीन की दूसरी डोज को बूस्‍टर डोज के रूप में जाना जाता है. ऐसे में दूसरी डोज लगवाना बेहद जरूरी है. इस डोज से शरीर में पहले से बनी एंटीबॉडी और सशक्‍त हो जाती हैं.
  • क्‍या दो अलग-अलग वैक्‍सीन की डोज ली जा सकती है?
  • भारत में इस समय लग रही दोनों कोरोना वैक्‍सीन कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन की कार्यप्रणाली अलग-अलग है. इसलिए अगर दोनों डोज में वैक्‍सीन अलग-अलग होगी तो इसकी प्रभाविकता पर असर पड़ेगा और वो कम हो जाएगी. अगर दोनों वैक्‍सीन अलग होंगी तो व्‍यक्ति को बूस्‍टर डोज नहीं मिल पाएगा.